नमस्कार मित्रो और आप सभी का स्वागत है काम कि बात में| मित्रो इस विडियो में आप जानेंगे नागरिकता संशोधन बिल का विरोध करने वाले आखिर है कौन|
नागरिकता संशोधन बिधेयक यानी कि CAB, जिसे अब CAA के नाम से जाना जाता है, वो जरूरी क्यों है | जैसा कि आप सभी जानते है कि हमारे पडोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान, और बांग्लादेश में अभी तक वहां के अल्पसंख्यक यानी कि हिन्दू, सिख, जैन, पारसी और क्रिस्टियन के साथ कत्लेआम हुआ, उनकी संपत्तियों को लूटा गया, उन्हें वहां पर मूल भूत अधिकार भी प्राप्त नहीं है| और साथ ही उनका जबरन धर्मांतरण भी कराया जा रहा है| इतना सब झेलने के बाद ये सभी धर्म के लोग भारत कि और एक उम्मीद भरी नजरो से देखते है और एक सुरक्षित आसरे कि तलाश में हमारे देश में आते है लेकिन विडंबना तो ये है कि यहाँ पर भी इनके साथ विदेशियों जैसा बर्ताव किया जाता है|
इसी भेदभाव को रोकने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने घोषणा पत्र में इसका उल्लेख किया था और अपने वादे के अनुसार उन्होंने ये कर भी दिखाया| लेखिन हमारे ही देश के कुछ तथाकथित बुद्धिजीवी और छात्रों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन भी शुरू कर दिए| मुख्य रूप से ये प्रदर्शन असम से शुरू होकर बंगाल, दिल्ली और उत्तर-प्रदेश तक भी फ़ैल गये|
दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने तो दिल्ली पुलिस पर ही पत्थर फेंकना और सरकारी को संपत्तियों को नुक्सान पहुंचाना शुरू किया| और जैसे ही जवाबी कार्यवाही में पुलिस ने इन छात्रों के इन हिंसक प्रदर्शनो को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए तो हमारे देश कि मीडिया के कुछ लोग ही पुलिस के खिलाफ खड़े हो गये और पुलिस को गलत और इन तथाकथित छात्रों को सही बताने पर तुल गये|
इन छात्रों कि मासूमियत आप कुछ विडियो में देख सकते है| जो हमने इस निचे दिए Youtube विडियो में डाल रखे है इन वीडियोस को देखने के बाद आपको पता लग जाएगा कि इन छात्रों ने न केवल सार्वजनिक संपत्ति को तहस नहस किया बल्कि हिन्दुओ के खिलाफ नारे भी लगाए जिसे हमारे मिडिया ने नहीं दिखाया|
साथ ही और विडियोस में दिखाया गया है की पश्चिम बंगाल में जो भी लूंगीधारी मुसलमान दिखायी दे रहे है वो सभी बंगलादेशी है | ये सब वही घुसपैठिये जिन्हें इस बिल के जरिये यहाँ आने से रोका जायेगा| अब आप समझ ही गये होंगे कि आखिर ये प्रदर्शनकारी कौन है और ये विद्रोह कौन करा रहा है | साथ ही आपको बता दूँ कि इंदिरा जयसिंह ने जब इन छात्रों के पक्ष में जब सुप्रीम कोर्ट पहुंची तो वहां भी उन्हें मुँह कि खानी पड़ी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ साफ़ कह दिया कि हिंसक प्रदर्शन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किये जायेंगे |
सबसे बड़ी बात तो ये है कि इन प्रदर्शनों कि आड़ में ये लोग सरकार को बदनाम करना चाहते है| एक विडियो ऐसा भी आया है जिसमे आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान प्रदर्शन को बढ़ावा देने कि कोशिश कर रहे है|
इसी प्रकार से हमारे देश के बुद्धिजीवी पत्रकार भी सिर्फ दिल्ली पुलिस को ही बदनाम करने में लगे है उन्हें बंगाल में कुछ नहीं दिखाई दे रहा है खुद ये घुसपैठिये ही वहां के हिन्दुओ के साथ हिंसा कर रहे है और उनकी दुकानों को जला रहे है| और साथ ही सार्वजानिक संपत्ति को नुक्सान पहुंचा रहे है| ये छात्र हिन्दुओ कि कब्र खोदने कि बात कहते है और हिन्दुओ से आजादी के नारे लगाते है|
अब कोई इन्हें समझाए कि हिन्दुओ से तो आजादी इन्हें 1947 में ही मिल गई थी तो क्यों नहीं रहना चाहते अपनी आजादी वाली जगह पर| इन नारों के जरिये इनके मान में जो हमारी संस्क्रती के प्रति नफरत और जहर भरा हुआ है उसे ये उगल कर हमारे समाज को बाँटने कि कोशिश कर रहे है| और साथ ही सभी हिन्दू के मन में एक हीन भावना उत्पन्न करने कि कोशिश कर रहे है|
वैसे इन नारों का CAA से क्या लेना देना है ये मुझे अभी तक समझ में नहीं आया| और न ही हमारे देश कि मिडिया इन प्रदर्शनकारियों से ये पूछती आखिर CAA में इन लोगो के खिलाफ लिखा क्या है| इससे तो लोगो को नागरिकता मिलेगी, और सरकार भी ये साफ़ कर चुकी है कि इस देश का नागरिक जो किसी भी धर्म जाती या समुदाय से सम्बन्ध रखता हो उसकी नागरिकता को कोई खतरा नहीं है|
जिस प्रकार कि तस्वीरे कश्मीर से आती थी उसी प्रकार कि तस्वीर दिल्ली से आने लगी है और आपको बता दूँ कि ये सब अचानक से कांग्रेस कि रैली और विरोध प्रदर्शन के बाद ही हुआ है| अब आप खुद ही समझ सकते है कि किस प्रकार इन प्रदर्शनों को कैसे और कौन प्रायोजित कर रहा है| अब अंत में मै आप लोगो से एक प्रश्न पूछना चाहता हूँ कि क्या BJP सरकार ने ये बिल लाकर सही किया? और इसके साथ ही आप लोगो से अपील करना चाहता हूँ कि आप इन तथाकथित बुधिजिवियो कि बात में न आ करके सरकार कि देशहित कि नीतियों के साथ खड़े रहे| ताकि इन घुसपैठियों को देश से बहार किया जा सके|
आप सभी बहोत बहोत धन्यवाद