अरविंद केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त 1968 को हरियाणा के भिवानी जिले के सिवानी शहर में एक उच्च मध्यमवर्गीय बनिया परिवार में हुआ था| उनके पिता का नाम गोविन्द राम केजरीवाल जोकि एक इलेक्ट्रिकल इंजिनियर थे| और उनकी माता जी का नाम गीता देवी है| अरविन्द केजरीवाल के 2 छोटे भाई बहिन है बहिन डॉ. रंजना गुप्ता और भाई मनोज केजरीवाल | उन्होंने शुरूआती शिक्षा हिसार में स्थित कैंपस स्कूल से की, इसके बाद सोनीपत में स्थित क्रिस्चियन मिशनरी स्कूल से अपनी सकूली शिक्षा पूरी की| पिता के नोकरी में ट्रान्सफर के कारण अरविंद का बचपन सोनीपत, मथुरा और हिसार में बीता|
आगे की पढाई के लिए केजरीवाल ने आईआईटी खड़गपुर में दाखिला लिया. यहाँ से इन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की और इसके बाद सन 1989 में टाटा स्टील, जमशेदपुर में नोकरी शुरू की|
लेकिन तीन वर्ष यहाँ कार्य करने के बाद सन 1992 में इन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया और सिविल सर्विस की तैयारी करने लगे| इसके बाद ये कोलकत्ता चले गए और मदर टेरेसा के संपर्क में आये और मदर टेरेसा ने उन्हें कोलकाता के काली घाट आश्रम में काम के लिए भेज दिया। वंहा उन्होंने लगभग 2 महीने तक काम किया |
इसके बाद वे ‘क्रिश्चियन ब्रदर्स एसोसिएशन’ के साथ काम करने लगे| अरविंद केजरीवाल ने गाँवों के लिए ‘राम कृष्ण मिशन’ के साथ जुड़ कर विभिन्न तरह के कार्य किये और फिर वे ‘नेहरु युवा केंद्र’ में कार्य करने लगे|
सन 1995 में उनका विवाह राष्ट्रीय प्रशासन संस्था मसूरी और राष्ट्रीय जिलाकर संस्था नागपुर में उनकी सहकर्मी रह चुकी सुनीता केजरीवाल से हुआ। उनसे उनके 2 बच्चे हुए बेटा पुलकित और बेटी हर्षिता| सन 1995 में ही अरविन्द केजरीवाल आयकर विभाग में जॉइंट कमिश्नर नियुक्त हुए। 1999 में इन्होंने आयकर विभाग में काम करते हुए ‘परिवर्तन’ नामक जन आंदोलन की शुरुआत की| और जनवरी 2000 में, उन्होंने अपने काम से विश्राम ले लिया और ‘परिवर्तन’ के लिए काम करने लगे |
इसके बाद, जुलाई 2006 में, उन्होंने पूरे भारत में आरटीआई के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के लिए एक अभियान शुरू किया।
और फिर दिसंबर में, केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया और अभिनंदन सेत्री के साथ मिलकर पब्लिक कॉज़ रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की।
2011 में, केजरीवाल ने अन्ना हजारे और किरण बेदी सहित कई अन्य कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर इंडिया अगेंस्ट करप्शन (IAC) समूह का गठन किया। इसमें जन लोकपाल विधेयक को लागू करने की मांग की गई थी | लेकिन वामपंथी विचारधारा रखने वाली अरुंधति रॉय ने दावा किया था की यह आंदोलन लोगों का आंदोलन नहीं था; इसके बजाय, इसे विदेशियों द्वारा भारत में नीति निर्माण को प्रभावित करने के लिए पैसे आ रहे है । उन्होंने बताया कि फोर्ड फाउंडेशन ने केजरीवाल के एनजीओ कबीर को $ 397,000 का दान भी दिया था| जबकि केजरीवाल ने बताया की ये दान उन्हें RTI के अभियानों का समर्थन करने के लिए किए गए थे|
इस आन्दोलन के दोरान केजरीवाल ने बताया कि स्विस बैंक में 25 हजार करोड़ रुपये जमा है| उन्होंने बताया था की 700 लोगों के अकाउंट हैं जिनमे कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पी चिदंबरम, सुशील कुमार शिंदे, वीरप्पा मोइली, सलमान खुर्शीद, कपिल सिब्बल, कमलनाथ, भाजपा नेता नितिन गडकरी, बीएस येदियुरप्पा, अनंत कुमार, अनुराग ठाकुर, और मायावती, मुलायम सिंह, शरद पवार, टाटा, फारूक अब्दुल्ला, प्रणव मुखर्जी, अनिल अंबानी, मुकेश अंबानी और जगन मोहन रेड्डी, नितिन गडकरी आदि शामिल थे। लेकिन बाद में कई विपक्ष के कई भ्रष्ट नेताओ के साथ मंच साँझा किया था|
केजरीवाल और अन्य कार्यकर्ताओं ने राजनीति में प्रवेश करने और चुनाव लड़ने का फैसला किया। जबकि इन्होने कसम खायी थी की वो कभी भी राजनीती में नहीं आयेंगे | ये पहली कसम थी जो उन्होंने तोड़ी थी | नवंबर 2012 में, उन्होंने औपचारिक रूप से आम आदमी पार्टी का बनाई | राजनितिक पार्टी बना लेने के बाद india अगेंस्ट corruption समूह 2 खेमो में बट गया जिसमे आधे लोगो ने इसका समर्थन किया और बाकियों ने इसका विरोध किया और अन्ना हजारे, किरण बेदी जैसे कार्यकर्ताओ ने केजरीवाल से खुद को अलग कर लिया |
2013 के दिल्ली विधान सभा चुनावों मे अरविंद केजरीवाल ने लगातार 15 साल से दिल्ली की मुख्यमंत्री रही श्रीमति शीला दीक्षित को 25864 मतों से हराया और उनकी पार्टी ने 28 सीट्स जीती और जिसके खिलाफ उन्होंने चुनाव लड़ा था यानी कांग्रेस के साथ ही मिलकर सरकार बनाई| जबकि अरविंद केजरीवाल ने चुनाव से पहले कहा था कि मैं अपने बच्चों की कसम खाकर कहता हूं कि कांग्रेस और भाजपा से कोई गठबंधन नहीं करूंगा। ये दूसरी बार उन्होंने अपनी कसम तोड़ी| वो 28 दिसम्बर, 2013 से 14 फ़रवरी, 2014 तक कुल 49 दिन मुख्यमंत्री रहे। इन 49 दिनों में भी वो समय समय पर धरने ही देते रहे| लेकिन सिर्फ 49 दिनों में उन्होंने जन लोकपाल की तालिका में विफलता का हवाला देते हुए मुख्यमन्त्री पद से इस्तीफा दे दिया।
केजरीवाल ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने से पहले जनवरी में कहा था कि वह 2014 के लोकसभा चुनावों में नहीं लड़ेंगे| ये तीसरी बार था | लेकिन 25 मार्च को, उन्होंने वाराणसी से भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा और बुरी तरह हारे |
मुख्यमंत्री बनने से पहले उन्होंने कहा था की वो सरकारी सहायता नहीं लेंगे जैसे सरकारी गाडी , घर और बाकी की सुविधा लेकिन मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने साड़ी सुविधा ले ली| ये छोथी बार था | फिर जनलोकपाल देने के वादे पर भी उन्होंने कुछ नहीं किया जिसकी वजह से वो राजनीती में आये थे| ये पांचवी बार था | उन्होंने शीला दीक्षित के खिलाफ जांच के लिए कहा था लेकिन बाद में उन्होंने कहा फाइल खो गई है | ये छठी बार था |
2015 में सुरक्षा सलाहकार और पूर्व रॉ अधिकारी आर एस एन सिंह ने एक इंटरव्यू में अरविन्द केजरीवाल के बारे में बताया था की अरविन्द केजरीवाल के कई आतंकवादियों और नक्सलियों के साथ उनके खतरनाक संबंध है |
आरएसएन सिंह ने आगे बताया की केजरीवाल के NGO कबीर से शिमित ली नाम की महिला जुडी हुई थी | और ये महिला शिमित ली सीआईए की एजेंट थी जिसने मुख्य रूप से चरमपंथी विचारधारा को फैलाने का काम किया और आरोप लगाया जाता है की CIA का काम विकासशील देशों में लोकतंत्र को बाधित करना और अपने फोड़े के लिए वंहा की सरकार गिरना होता है।
इसके बाद उन्होंने 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा और 70 सीटों में से 67 सीटों पर प्रचंड जीत हासिल की। इसके बाद अरविन्द केजरीवाल और विवाद का चोली दामन का साथ रहा | पूर्व गवर्नर नजीब जंग से विवाद, टीवी एड का विवाद हुआ, शांत भूषण और योगेन्द्र यादव को गालियाँ देते नज़र आये थे जिसके बाद इन दोनों ने पार्टी छोड़ दी थी | अरविंद केजरीवाल पर ये आरोप भी है, कि उन्होंने कई ऐसे लोगों को अपनी पार्टी से टिकट दी है, जिनके पास फर्जी डिग्रीयाँ हैं| जिसके कई नेताओ की विध्याकी भी रद्द हुई थी|
अरविंद पर अक्सर पार्टी के लोग ये आरोप लगाते हैं कि अरविंद पार्टी को किसी लोकतान्त्रिक तरीके के बिना अपनी मर्जी से चलाते हैं. और उनमे घमंड भी है| दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अंतर्गत है. इस वजह से अक्सर अरविंद केजरीवाल और दिल्ली पुलिस के बीच तनाव का माहौल बना रहता है. इन्होंने अपने एक इंटरव्यू में दिल्ली पुलिस को ठुल्ला कहा था| इनके मुख्यमंत्री रहते मुख्य मंत्री निवास मे बिजली बिल 1 लाख रूपए का आया था. इस पर विपक्ष ने कहा कि वे लोगों के पैसे से अपना सुख भोग रहे हैं. उनके निवास पर 35 एसी और कई कूलर होने की बातें सामने आई थी|
अरविन्द केजरीवाल ने अपने विरोधी नेताओं पर तरह-तरह के आरोप लगाए और जब एक के बाद एक मानहानि का केस कोर्ट में पहुंचने लगा तो माफी मांगने लगते थे| शुरुआत में इन्होने रामजेठमलानी इनका केस लड़ रहे थे लेकिन किसी कारण से उन्होंने इनका केस लड़ने से साफ़ इनकार कर दिया |अरविंद केजरीवाल को मार्च-अप्रैल महीने में 24 बार विभिन्न मामलों में अदालत के समक्ष प्रस्तुत होना पड़ा। उनमे से प्रमुख उनके नाम इस प्रकार हैं: अरुण जेटली, विजेंदर गुप्ता, नीरज सक्सेना, सुभाष चंद्रा, पवन खेड़ा, डीडीसीए,नितिन गडकरी, कपिल सिब्बल, अकाली नेता बिक्रम मजीठिया, इन सभी पर उन्होंने निराधार झूटे आरोप लगाये जिसके बाद उन्हें कोर्ट में इन सभी लोगो से मांफी मंगनी पड़ी |
JNU के हर देश विरोधी प्रदर्शन में अरविन्द केजरीवाल उनके साथ खड़े रहे| इसी बिच उन्होंने भारतीय सेना से सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगे| इसके बाद दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता कानून (CAA Protests) के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन में एक आदमी ने गोली चलाई और जिसने गोली चलाई वो अरविन्द केजरीवाल की पार्टी का ही आदमी निकला था|
तो दोस्तों आप हमे बताईये इस बार दिल्ली में किसकी सरकार बनेगी | भारतीय जनता पार्टी या आम आदमी पार्टी |
आप क्या मानते है क्या दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार धरने और प्रदर्शन की सरकार रही है ? या फिर एक इमानदार सरकार रही है | आपको क्या लगता है क्या अरविन्द केजरीवाल CIA के एजेंट है ?
आप अपनी राय कमेंट मेव जरुर बताये | और हमारे चैनल को स्सुब्क्रिबे कर ले और साथ में दिए गए बेल आइकॉन को भी दबाए तब तक के लिए कर बढ़ नमस्कार|