THE COW IS A WONDERFUL LABORATORY के अनुसार प्रकृति में समस्त जीव-जंतुओं और सभी दुग्धधारी जीवों में केवल गाय ही है जिसे ईश्वर ने 180 फुट (2160 इंच ) लम्बी आंत दी है जिसके कारण गाय जो भी खाती-पीती है वह अंतिम छोर तक जाता है। जिस प्रकार दूध से मक्खन निकालने वाली मशीन में जितनी अधिक गरारियां लगायी जाती है उससे उतना ही वसा रहित मक्खन निकलता है, इसीलिये गाय का दूध सर्वोत्तम है। आज इस विडियो में हम गाय की महिमा के बारे में जानेंगे तो आपसे मेरा विनम्र निवेदन है कि अंत तक इस विडियो में बने रहे|
गौ वात्सल्य : गौ माता, बच्चा जनने के 18 घंटे तक अपने बच्चे के साथ रहती है और उसे चाटती है इसीलिए वह लाखो बच्चों में भी वह अपने वच्चे को पहचान लेती है जवकि भैंस और जरसी गाय अपने बच्चे को नहीं पहचान पायेगी। गाय जब तक अपने बच्चे को अपना दूध नहीं पिलाएगी तब तक दूध नहीं देती है, जबकि भैस या जर्सी गाय के आगे चारा डालो और दूध निकाल लो। आज के बच्चो में क्रूरता इसीलिए बढ़ रही है क्योकि वे जिसका दूध पी रहे है उसके अन्दर ममता नहीं है।
खीस : बच्चा देने के बाद गाय के स्तन से जो दूध निकलता है उसे खीस, चाका, पेवस या कीला कहते है, इसे तुरंत गर्म करने पर ये फट जाता है। बच्चा देने के 15 दिनों तक इसके दूध में प्रोटीन की अपेक्षा खनिज तत्वों की मात्रा अधिक होती है, लेक्टोज, वसा (फैट) एवं पानी की मात्रा कम होती है। खीस वाले दूध में एल्व्युमिन दो गुनी, ग्लोव्लुलिन 12-15 गुनी तथा एल्युमीनियम की मात्रा 6 गुनी अधिक पायी जाती है। खीस में भरपूर मात्रा में खनिज पाए जाते है| यदि काली गाय का दूध कोई एक हफ्ते भी पी ले तो उसकी पुरानी tb भी ख़त्म हो सकती है|
सींग : गाय की सींगो का आकर सामान्यतः पिरामिड जैसा होता है, जो कि शक्तिशाली एंटीना की तरह आकाशीय उर्जा (कोस्मिक एनर्जी) को ikhatta करने का कार्य करते है।

गायकाककुद्द (ढिल्ला) : गाय के कुकुद्द में सूर्यकेतु नाड़ी होती है जो सूर्य से अल्ट्रावायलेट किरणों को रोकती है, गाय के 40 मन दूध में लगभग 10 ग्राम सोना पाया जाता है जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढती है इसलिए गाय का घी हलके पीले रंग का होता है।
गायकादूध : गाय के दूध के अन्दर जल 87 % वसा 4 % प्रोटीन 4% शर्करा 5 % तथा अन्य तत्व 1 से 2 % प्रतिशत पाया जाता है। गाय के दूध में 8 प्रकार के प्रोटीन, 11 प्रकार के विटामिन्स, और साथ ही साथ गाय के दूध में ‘ कैरोटिन ‘ नामक प्रदार्थ भैस से दस गुना अधिक होता है। भैस का दूध गर्म करने पर उसके पोषक तत्व ज्यादातर ख़त्म हो जाते है परन्तु गाय के दूध के पोषक तत्व गर्म करने पर भी सुरक्षित रहते है।
गाय का गोमूत्र : गाय के गौमूत्र में आयुर्वेद का खजाना है, इसके अन्दर ‘कार्बोलिक एसिड‘ होता है जो कीटाणु नाशक है। गौ मूत्र चाहे जितने दिनों तक रखे ख़राब नहीं होता है इसमें कैसर को रोकने वाला ‘करक्यूमिन‘ पाया जाता है। गौ मूत्र में नाइट्रोजन, फास्फेट, यूरिक एसिड, पोटेशियम, सोडियम, लैक्टोज, सल्फर, अमोनिया, लवण रहित विटामिन ए बी सी डी ई इन्जाईम आदि तत्व पाए जाते है। देसी गाय के गोबर-गौमूत्र मिश्रण से ‘प्रोपिलीन ऑक्साइड” उत्पन्न होती है जो बारिश लाने में सहायक होती है। इसी के मिश्रण से ‘इथिलीन ऑक्साइड‘ गैस निकलती है जो ऑपरेशन थियटर में काम आती है। गौ मूत्र में मुख्यतः 16 खनिज तत्व पाये जाते है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाते है।
गाय का शरीर : गाय के शरीर से पवित्र गुग्गल जैसी सुगंध आती है जो वातावरण को शुद्ध और पवित्र करती है। गौमाता के शरीर पर हाथ फेरने से बीपी के मरीजो को आश्चर्य जनक रूप से लाभ पहुँचता है।
गाय माता के गौबर व् गोमूत्र से निर्मित शुद्ध जैविक राशन सात जन्मों के पुण्य से ही प्राप्त होता है। आजकल धन तो बहुत लोगों के पास मिल जायेगा लेकिन सबको शुद्ध जैविक खाद से उगा अनाज नहीं मिल रहा है। रासायनिक खाद की जगह गौमूत्र मिला गोबर खाद किसान की फसल को न सिर्फ बेहतर बल्कि पोषक तत्वों से भरपूर बनाता है।
गौमाता की महिमा अपरम्पार है। इसके आपके आसपास रहने पर आपको फायदा ही मिलता है। गौमाता जीवन दाता है, इसीलिए कहा गया हैंकि गौमाता में 33 कोटि भगवान का वास है। कृपया गौरक्षा करने में सहयोग दें, और पृथ्वी का संतुलन बनाने में सहभागी बने।