नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका काम की बात में और इस पोस्ट में हम आपको बताएँगे ज्योतिरादित्य सिंधिया जी बारे में तो चलिए शुरू करते है |

ज्योतिरादित्य सिंधिया का जन्म, मराठा रियासत के सिंधिया राजघराने में, 1 जनवरी 1971 को बॉम्बे में हुआ थाहुआ था | उनके दादा जी का नाम जीजाजी राव सिंधिया था जो कि ग्वालियर रियासत के अंतिम महाराजा थे| उनकी दादी जी का नाम विजयराजे सिंधिया था जोकि भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक थीं| जीजाजी राव विजयराजे सिंधिया की 3 संताने थी जिनमे 2 बेटी वसुंधरा राजे, भाजपा पार्टी की नेता और राजस्थान की भूतपूर्व मुख्यमंत्री और यशोधरा राजे जोकि भारतीय जनता पार्टी में मध्यप्रदेश सरकार में पर्यटन, खेल औऱ युवा मामलों की मंत्री थी और एक बेटा माधव राव सिंधिया जोकि congress के नेता थे|

ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया थे तथा उनकी माता जी माधवी राजे सिंधिया उर्फ़ किरण राज्य लक्ष्मी देवी) नेपाल के प्रधान मंत्री और कास्की के महाराजा और गोरखा के सरदार रामकृष्ण कुंवर के पैतृक वंशज लमकुंग जुड्ढा शमशेर जंग बहादुर राणा की पोती है जोकि नेपाल राजवंश से थे|

ज्योतिरादित्य की शुरूआती शिक्षा कैंपियन स्कूल और फिर इसके बाद दून स्कूल, देहरादून में संपन्न हुई| इसके बाद वर्ष 1993 में उन्होंने हार्वर्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में B A में स्नातक की उपाधि प्राप्त की, और फिर 2001 में उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से M.B.A. की डिग्री ली| 12 दिसंबर 1994 को उनका विवाह मराठा रियासत से बड़ौदा के गायकवाड़ परिवार की प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया से हुआ| उनसे उनकी 2 संताने हुई पुत्र का नाम महानआर्यमन सिंधिया है और पुत्री का नाम अनन्या सिंधिया जो फिलहाल दून स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं|

Also Read:Sonia Gandhi ki Biography | सोनिया गाँधी की जीवनी

इसके बाद 30 सितंबर 2001 को, उत्तर प्रदेश में एक हवाई जहाज दुर्घटना में उनके पिता, और congress के सांसद माधवराव सिंधिया की मृत्यु हो गई लेकिन कहा जाता है की सोनिया गाँधी ने उन्हें मरवाया था | सोनिया गांधी और ज्योतिराजे के पिता माधव राव सिंधिया की अच्छी दोस्ती थी तो 1982 में एक रात को दो बजे माधवराव की कार का एक्सीडेंट आईआईटी दिल्ली के गेट के सामने हुआ था और उस समय कार में सोनिया गाँधी भी थी | बताया जाता है की दोनोँ शराब के नशे में थे। दोनों को बहुत चोटें आई थीं, आईआईटी के एक छात्र ने उनकी मदद की, कार से बाहर निकाला, एक ऑटो रिक्शा में सोनिया को इंदिरा गाँधी के यहाँ भेजा गया, जबकि माधवराव सिन्धिया बाद में अकेले अस्पताल गये।
जब सोनिया गांधी अपने घर पहुच गई तब दिल्ली पुलिस ने अपनी एक्सीडेंट की करवाई करनी शुरु की थी ।बाद में दोनोँ के रिश्तो में दरार आई और माधवराव सिंधिया सोनिया के दूरी बनाने लगे और उनकी आलोचना करने लगे | 2001 में माधवराव की विमान दुर्घटना में मौत हो गई। कहा ये गया की सोनिया गाँधी ने साजिश के तहत उनकी हत्या करवा दी |

पिता, की मृत्यु के बाद उन्होंने औपचारिक रूप से 18 दिसम्बर 2002 को कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की और गुना से 2002 में लोकसभा संसद चुने गये उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, भारतीय जनता पार्टी के देश राज सिंह यादव को लगभग 450,000 मतों के अंतर से हराया था. इसके बाद वे 2004 में 14 वीं लोक सभा के लिए फिर से चुना गया और फिर 2007 में केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री के रूप में केंद्रीय मंत्री परिषद में शामिल किया गया। इसके बाद 2009 में लगातार तीसरी बार फिर से चुना गया और इस बार उन्हें वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री बनाया गया।
2014 में, सिंधिया गुना से फिर चुने गए थे लेकिन 2019 में भाजपा के केपी यादव ने सवा लाख वोटों से ज्योतिरादित्य सिंधिया को हरा दिया। केपी यादव पहले कांग्रेस में ही थे लेकिन सिंधिया से मतभेदों के चलते उन्होंने congress छोड़ दी और ज्योतिरादित्य को हराने की कसम ली थी |

इसके बाद 10 मार्च 2020 को मध्यप्रदेश में अपनी पर्री के नेता और राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ से मतभेदों के चलते उन्होंने congress अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा देकरकांग्रेस से बाहर हो गये और 11 मार्च 2020 को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये।

ज्योतिरादिय्त सिंधिया परिवार से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

ज्योतिरादिय्त सिंधिया ने 20 साल की उम्र में अपनी दोनो बुआ यानी वसुंधराजे सिंदिया और यशोधरा राजे के खिलाफ केस कर दिया था | सिंधिया ने सिंधिया परिवार का इकलोता वारिस बताया था ये मुकदमा 27 सालो से कोर्ट में है|

प्रियदर्शनी देश की सबसे खूबसूरत राजकुमारियों में शामिल हैं। 2012 में उन्हें देश की 50 सबसे खूबसूरत महिलाओं में शामिल किया गया था। 2008 में बेस्ट ड्रेस्ड हॉल ऑफ फेम लिस्ट में भी प्रियदर्शनी का नाम था।

ज्योतिरादित्य सिंध‍िया जिस महल में रहते हैं, वो 12 लाख वर्गफीट से भी ज्यादा बड़ा है. वो इस महल के इकलौते मालिक हैं.
इस महल को महाराजाधिराज जयजीराव सिंधिया अलीजाह बहादुर ने 1874 में बनाया था. तब इसकी लागत 1 करोड़ रुपये थी. आज इस सुंदर शाही महल की कीमत बढ़कर 4000 करोड़ पहुंच चुकी है.

ज्योतिरादित्य सिंधिया की संपत्ति 374 करोड़ (साल 2019 में सबमिट किए हलफनामे के मुताबिक)

महल में 400 से अधिक कमरे हैं, जिसका एक हिस्सा इतिहास को संजोने के लिए एक संग्रहालय के रूप में उपयोग किया जाता है

इस संग्रहालय की एक और खास चीज है, वो है चांदी की रेल जिसकी पटरियां डाइनिंग टेबल पर लगी हैं. अति विशिष्ट दावतों में यह रेल पेय परोसती चलती है. इस हॉल में इटली, फ्रांस, चीन और अन्य कई देशों की दुर्लभ कलाकृतियां मौजूद हैं.

महल का प्रसिद्ध दरबार हॉल इस महल के भव्य अतीत का गवाह है. यहां लगा हुए दो फानूसों का भार दो-दो टन का है, कहते हैं इन्हें तब टांगा गया जब दस हाथियों को छत पर चढ़ाकर छत की मजबूती परखी गई थी| सिंधिया परिवार करीब 374 करोड़ भी से अधिक की संपत्ति के मालिक है।

आपको क्या लगता है ज्योतिराजे सिंधिया ने बीजेपी में जाकर अच्छा किया ???
तो दोस्तों आपको ये विडियो पसंद आई तो लाइक और कमेंट जरुर करियेगा और जो नए दर्शक है हमे subscribe कर ले और subscribe बटन के बगल में दी गयी घंटी पर क्लिक करके सबसे ऊपर वाले option all पर क्लिक कर दे वर्ना आपको हमारी नै आने वाली विडियो की नोतिफ़िकतिओन youtube द्वारा नहीं भेजी जायेगी और आप हमारी आने वाली विडियो नहीं देख पायेंगे तो मिलते है आपसे अगले विडियो में तब तक के लिए नमस्कार

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here